आइये जानते हैं होठों का रंग शरीर की स्किन से अलग क्यों होता है? हमारे शरीर की संरचना हर बार आपको भी हैरान कर देती होगी ना। क्योंकि हमारे शरीर के हर एक अंग की रचना और कार्यप्रणाली इतनी व्यवस्थित और एक-दूसरे से इतनी अलग है, लेकिन इसके बावजूद भी सारे अंग मिलकर हमारे शरीर को इतना बेहतरीन तरीके से चलाते हैं, ऐसा लगता है जैसे किसी इंजीनियर ने इनकी रचना की हो।
हमारे शरीर के हर अंग की अपनी खासियतें हैं और ऐसे ही एक बेहद नाजुक और ख़ास अंग होते हैं हमारे होंठ, जो ना केवल चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाते हैं बल्कि अपने अनोखे रंग के लिए भी पहचाने जाते हैं क्योंकि भले ही हमारा रंग काला, भूरा या सफ़ेद हो, हमारे होठों का रंग हमारी त्वचा के रंग से बिल्कुल अलग होता है।
आप जानते हैं कि हमारी त्वचा में कई परतें मौजूद होती हैं और स्किन की सबसे बाहरी परत को एपिडर्मिस कहा जाता है जबकि सबसे अंदर की परत डर्मिस कहलाती है। एपिडर्मिस में एक और परत मौजूद होती है जिसका काम त्वचा की सुरक्षा करना होता है और इस परत का नाम है स्ट्रेटम कोर्नियुम।
त्वचा में मौजूद इस परत की मोटाई काफी ज़्यादा होती है जबकि होठों में ये परत काफी पतली होती है और स्ट्रेटम कोर्नियम परत के होठों पर पतली परत के रूप में पाए जाने के कारण ही होठों का रंग शरीर के बाकी अंगों से अलग होता है।
शायद आपने अभी तक ये सोचा ही ना हो कि होठों का रंग स्किन के रंग से अलग क्यों होता है लेकिन अब आप इसका कारण भी जान चुके हैं। अब आपको सिर्फ इतना करना हैं कि अपने होठों का इस तरह ख्याल रखना है कि उनका नेचुरल गुलाबी रंग बना रह सके।