आइये जानते हैं क्या साँप अंधेरे में देख सकते हैं। सांपो को लेकर बहुत सी बातें प्रचलित हैं और उन्हीं में से एक बात ये भी है कि सांप भी उल्लू की तरह अंधेरे में देख सकते हैं लेकिन अगर आप भी ऐसा सोचते हैं कि हर साँप अंधेरे में देख सकता है तो ये पूरी तरह से सही नहीं है।
हर एक साँप अंधेरे में नहीं देख पाता है। हालाँकि कुछ साँपों में ये विशेषता पायी जाती है कि वो 1 मीटर की दूरी में स्थित जीवों को पहचान पाते हैं।
साँप के बहुत से प्रकारों में से अजगर, वाइपर और बोआ साँप के सिर पर दो छेद पाए जाते हैं जिन्हें पिट ऑर्गन या जैकबसन्स ऑर्गन कहा जाता है।
इन छेदों के ऊपर एक पतली झिल्ली चढ़ी रहती है जो गर्मी के प्रति संवेदनशील होती है। इन सांपों का ये अंग तापमान और दर्द से जुड़े अनुभव कर पाता है क्योंकि इस ऑर्गन में बहुत सारी तंत्रिकाएं मौजूद होती हैं।
साँप के शरीर से निकलने वाली गर्मी इंफ्रारेड विकिरण के रूप में होती है जिसे साँप में मौजूद झिल्ली आसानी से पहचान लेती है।
ये झिल्ली एक ऊष्मा प्रतिबिम्ब बना लेती है जिससे साँप को अपने आसपास मौजूद दूसरे जीवों के आकार का सही अनुमान लग जाता है और वो संभावित ख़तरे से सावधान भी हो जाता है।
हैरानी की बात ये है कि ऊष्मा के स्रोत को पहचानने में आँखें किसी तरह की सहायता नहीं करती हैं और ये काम अकेले झिल्ली को ही करना होता है।
ऐसे में ऊष्मा का कोई भी सोर्स जब साँप के पास पहुँचता है तो उस ऊष्मा के स्रोत की गर्मी से साँप के सिर पर मौजूद ये झिल्ली गर्म हो जाती है और तंत्रिकाओं में आयनों का प्रवाह शुरू हो जाता है।
आयन प्रवाह के कारण इलेक्ट्रिक सिग्नल बनने लगते है जिससे साँप को सामने वाले जीव की आकृति दिखाई देने लगती है।
कुछ साँपों में मिलने वाली इसी ख़ासियत के चलते ऐसा कहा जाता है कि साँप अंधेरे में देख सकते हैं। इसी विशेष गुण के कारण ही साँप दुश्मनों से अपना बचाव भी कर पाता है और उसके लिए शिकार करना भी काफी आसान हो जाता है।
तो दोस्तों, साँपों से जुड़ी कई दिलचस्प बातें तो आपने फिल्मों-टीवी सीरियल और किताबों में जरूर देखी-पढ़ी होंगी और उम्मीद है कि साँप की अंधेरे में देख पाने की इस क्षमता से जुड़ी जानकारी भी आपको पसंद आयी होगी।