रिफाइंड तेल कैसे बनता है

आइये जानते हैं रिफाइंड तेल कैसे बनता है (refined oil kaise banta hai)। कुछ समय पहले तक खाना पकाने में मूंगफली, सरसों और तिल के तेलों जैसे कई शुद्ध तेलों का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन वो चिपचिपे होते थे और उनमें गंध भी आती थी। इसलिए फिर दौर आया रिफाइंड तेल का जो चिपचिपा होने की बजाए हल्का होता है और उसमें गंध भी नहीं आती।

ये भी माना गया कि हर तरह से सेहत के लिए रिफाइंड तेल ही बेहतरीन है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये रिफाइंड तेल कैसे बनता है और ये सेहत को फायदा पहुंचाने की बजाए कितना नुकसान पहुंचा रहा है?

अगर आप नहीं जानते हैं तो आपके लिए ये जानना बेहद जरुरी है ताकि आपकी सेहत से और खिलवाड़ ना हो सके। तो चलिए, आज आपको बताते है कि सेहत के लिए बेस्ट माना जाने वाला रिफाइंड तेल कैसे बनता है।

रिफाइंड तेल कैसे बनता है? (refined oil kaise banta hai)

किसी भी तेल को रिफाइन करने के लिए उसमें 6 से 7 केमिकल्स मिलाये जाते हैं और डबल रिफाइन करने के लिए 12 से 13 केमिकल्स मिलाये जाते हैं।

ये केमिकल्स आर्गेनिक नहीं होते हैं बल्कि नुकसानदायक होते हैं। कास्टिक सोडा, फॉस्फेरिक एसिड, ब्लीचिंग क्लेंज जैसे केमिकल मिलाकर ये तेल तैयार होता है।

इस तरह तैयार होने वाले रिफाइंड और डबल रिफाइंड तेल खाने से सेहत को काफी नुकसान उठाना पड़ता है जैसे-

दिल को ख़तरा – जिस दिल को सुरक्षित रखने के लिए हमनें चिपचिपे शुद्ध तेलों को छोड़ा, उन्हीं शुद्ध तेलों से हमें HDL (High Density Lipoprotein) मिलता है।

यानी अच्छी चिकनाहट जो दिल के लिए जरुरी है और ये चिकनाहट रिफाइंड तेल से नहीं मिलती है। ऐसे में शुद्ध तेल खाने से ही हार्ट डिजीज के ख़तरे को दूर किया जा सकता है।

फैटी एसिड्स नहीं होते – आज तक रिफाइंड ऑयल का चिपचिपा ना होना इसकी खासियत माना जाता था लेकिन सच ये है कि जैसे ही ऑयल में से चिपचिपापन निकाल दिया जाता है, उसमें से वो फैटी एसिड्स निकल जाते हैं, जो हमारी सेहत के लिए जरुरी होते हैं।

प्रोटीन नहीं होता – शुद्ध तेलों में से आने वाली गंध के कारण हमनें उनसे दूरी बना ली लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि तेल में से ये गंध हटाते ही उसका प्रोटीन ख़त्म हो जाता है।

तेलों में 4-5 प्रकार के प्रोटीन पाए जाते हैं जबकि रिफाइंड तेल में एक भी प्रोटीन नहीं बचता और इस तरह तेल के सभी महत्वपूर्ण घटक खत्म हो जाते हैं, पौष्टिकता खत्म हो जाती है तब जाकर रिफाइंड तेल बनता है।

रिफाइंड ऑयल के बारे में ये जानकारी लेने के बाद आप हैरान हो गए होंगे लेकिन वास्तविकता यही है कि हमारे शरीर को कुछ मात्रा में अच्छी चिकनाहट और प्रोटीन की जरुरत होती है जो रिफाइंड ऑयल से नहीं मिल पाती।

जिसके कारण घुटने दुखना, कमर दुखना, हड्डियों में दर्द और हार्ट अटैक, पैरालिसिस, ब्रेन डैमेज जैसी खतरनाक बीमारियां भी हो सकती है। इसलिए अभी से अपने ऑयल के बारे में सोचिये और अपने मित्रों के साथ भी ये जानकरी शेयर कीजिये ताकि सभी स्वस्थ रहें और सुरक्षित रहें।

Updated: 25/07/2021 — 06:24

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