आइये जानते हैं पुष्पक विमान किसने बनाया था। रामायण में पुष्पक विमान देखकर आप जरूर रोमांचित हुए होंगे क्योंकि उस समय भी उड़ने वाला विमान मौजूद था।
असल में रावण के पास बहुत से लड़ाकू विमान थे और एक अनोखा पुष्पक विमान भी था जिसमें सीता का हरण करके रावण पुष्पक विमान के जरिये ही लंका गया था।
पुष्पक विमान किसने बनाया था?
पुष्पक विमान के निर्माता विश्वकर्मा थे जबकि ऐसा भी कहा जाता है कि पुष्पक विमान भगवान ब्रह्मा का था जिसे उन्होंने कुबेर को उपहारस्वरुप दिया था लेकिन रावण ने ये विमान कुबेर से हड़प लिया।
ऐसा भी माना जाता है कि रावण की मृत्यु के बाद इस पुष्पक विमान पर विभीषण का अधिकार हो गया और विभीषण ने ये विमान कुबेर को सौंप दिया। कुबेर ने ये विमान राम को भेंट कर दिया और लंका विजय के बाद राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान इसी विमान में बैठकर अयोध्या पहुंचे।
आइये, अब आपको पुष्पक विमान की विशेषताएं बताते हैं-
- वाल्मीकि रामायण में किये गए वर्णन के अनुसार, ये विमान मोर जैसे आकार का विमान था।
- इसकी गति बहुत तेज़ थी और चालक की इच्छा के अनुसार इसे किसी भी दिशा में आगे बढ़ाया जा सकता था।
- हैरानी की बात ये है कि इसे छोटा-बड़ा भी किया जा सकता था।
- इसे दिन और रात के समय में आसानी से चलाया जा सकता था।
- सभी ऋतुओं में वातानुकूलित इस विमान में सोने के खम्भे, मणियों से सजे दरवाजे, सीढियाँ थी।
- इसमें गुप्त गृह भी था और नीलम से निर्मित सिंहासन भी।
- इस विमान की एक चौंकाने वाली विशेषता ये थी कि ये विमान केवल एक स्थान से दूसरे स्थान तक ही नहीं जाता था बल्कि एक ग्रह से दूसरे ग्रह तक आने-जाने में भी सक्षम था।
पुष्पक विमान के बारे में ये भी कहा जाता है कि ये विमान उसी व्यक्ति से संचालित होता था जिसने विमान संचालन से सम्बंधित मंत्र सिद्ध किया हो।
ये बिलकुल वैसा ही है जैसे आज के विमान को वही व्यक्ति चला सकता है जिसके पास विमान उड़ाने का रिमोट हो।
इस विमान पर बहुत से शोध भी होते रहे हैं और शोधकर्ता इसे वाइब्रेशन टेक्नोलॉजी से जोड़कर देख रहे हैं।